यादें


क्या है ये यादें ?

एक सफ़र - ख्यालों मे ढूँढना किसी को, जो अब करीब नहीं,
या एक एहसास जो यकीन दिलाये, तुम आज भी दिल के करीब हो.
है ये तुम्हारे साथ बिताये पल महसूस करने का एक ज़रिया ,
या दो पल का वहम जिससे दिल को सुकून मिलता हो.
है  ये  गुजर  चुके  वक़्त  में  कभी  साथ  होने  की  ख़ुशी ,
या  फिर  भविष्य मे कभी साथ ना हो पाने का गम?

तनहाई  में इंसान के साथी, या महफ़िल में गुफ्तगू के सामान,
या ये है पेट भरने के बाद करने वाली, इंसानो की कोई शगल.
या ये है पाप का प्रायश्चित, क्यूँ की ये अच्छा वक़्त गुजरने के बाद ही आती है.

है ये कोई इस दुनिया से परे एक दूसरा जहान,
जहाँ हम ज़माने की मर्ज़ी के बिना मिलते है.
या ये है कोई एहसास, जो हमें एक दुसरे के दिल में जिंदा रखती है,
सुखद हो तो मुस्कान वरना आँसू छोड़ जाती है.
या ये इंसान के कभी हार न मानने के जिद का परिणाम है.

ये आती क्यूँ  है?
ताकि हम इस बात का फैसला कर सके की कौन सही था, कौन गलत,
जब की इस बात से क्या फर्क पड़ता है, क्यूँ की हम जुदा है अब.

कभी लगता है ये ऐसी चीज़ है जिसका कोई वजूद नहीं,
फिर भी इसका असर यूँ है जीवन पे की अगर अच्छी न हो तो, हर चीज बेमानी लगती है.
जानना चाहता हूँ मैं इसका राज़ पर सोचता हूँ , क्या ये कीमती वक़्त की बर्बादी है?
-- कृष्णा पाण्डेय

Comments

Popular posts from this blog

"gnome-screenshot" (No such file or directory)"

Install NS 2.35 from source packages on Fedora 16

An Incomplete Post...