कैसे??
- Get link
- X
- Other Apps
रोशनी से भरा शहर, रफ़्तार में टिन के डिब्बे,
ठहरी सी ज़िन्दगी किसी की, जेब में नहीं पैसे...
उनकी बेबसी, लोगों की बनावटी "माथे की सिकन",
मैं सोच रहा हूँ भरे-पेट, उनका गुजारा होगा कैसे?? - कृष्णा
- Get link
- X
- Other Apps
Comments
Post a Comment