कब तक
जोश - समंदर की लहरें, आता है लौट जाता है, ये ठहरे तो कैसे ठहरे, तू ही बता ज़िन्दगी, तमन्ना है छू लूँ आसमाँ, मैं भी , किस डोर से बंधा हूँ, तू ही बता ज़िन्दगी। दिल तो बेकरार है, चाहता सपनों का दीदार, कितना करूँ इन्तजार उसका, तू ही बता ज़िन्दगी। नहीं फिक्र खुद की, ना ज़माने की, करूँ ख्याल उसका कब तक, तू ही बता ज़िन्दगी। - कृष्णा पाण्डेय